Yug Purush

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8TH SEMESTER ! भाग- 52 ( Next Morning)

Chapter-14: Next Morning~ अगली सुबह


"तू पहले मेरा पैंट दे, जिसको सर पर मुकुट की तरह धारण कर  रक्खा है..."मैने bhu से कहा...मेरा हाथ अब भी मेरे शरीर के प्राइवेट पार्ट को ढके हुए था...bhu  ने अपने सर से मेरी पैंट निकाली और मेरी तरफ फेका...

"अंडरवेर कहाँ है..."पैंट उठाकर गुस्से से मैने पुछा...

"तुम दोनो को याद नही,लेकिन कल बहुत कुछ हुआ...."अपनी एक आँख बंद करके अरुण खड़ा होता हुआ बोला"कल, तूने अपनी चड्डी उतार कर प्रिन्सिपल के घर की बाउंड्री मे फेंक दिया  और bhu ने ताव -ताव मे  अपना चश्मा तोड़ दिया...."

"क्या "ये सुनते ही bhu  रो पड़ा... "1800 का था, वो चश्मा..."

"और मैने सब कुछ जो कल रात हमने किया वो एक कॉपी मे लिखा है.... ताकि concept क्लियर रहे "

पैंट पहन कर मैने सबसे पहले अपना मोबाइल चेक किया,वो मेरी ही पैंट के जेब मे था...bhu के चश्मे के दोनो काँच टूट चुके थे और वही पास मे पडे थे...  अरुण वहाँ एक पेड़ पर चढ़ कर कुछ ढूँढ रहा था....

"कल रात तूने अपने अंडे निकालकर पेड़ पर रख दिए थे क्या,जो आज सुबह उठते ही वहाँ चढ़ गया...."हसते हुए मै बोला... " देखना कही चूजे ना निकल आए हो तेरे अंडो से.. Lol"

"मैने अपना मोबाइल और वो कॉपी यहीं कहीं रक्खा था...ताकि तुम दोनो से बचा रहे...वो रहा,मिल गया..."

एक कॉपी और अपना मोबाइल लेकर अरुण नीचे आया, हम तीनो की हालत एकदम बाद से बदतर थी,कपड़े बेहद ही गंदे थे,कुछ जगह से कपड़े फट  भी गये थे....आँखे बंद किए हुए हम तीनो धीमी-धीमी चल मे वहाँ से हॉस्टल  के लिए निकले तभी अरुण कॉपी खोलकर हमारे कल के कारनामे सुनाने लगा.....

"दीपिका मैम  ने कल रात को जब हॉस्टल  के पास स्कूटी रोकी तो मैं और अरमान उस से उतरे...नीचे उतरने के बाद अरमान वापस स्कूटी पर बैठ गया और पीछे से दीपिका मैम  को पकड़कर उनकी छातियों मे हाथ रखकर उनसे लिपट गया और बोला कि आइस क्रीम खिलाओ...दीपिका मैम  ने गुस्से मे अरमान को एक झापड़ भी  मारा और फिर  मुझसे.. यानी अरुण जी से  कहा कि मैं अरमान को वहाँ से ले जाउ...तब हमारे अरमान बाबू ने जोश मे आकर एक बार फिर दीपिका मैम की छातियों मे हाथ रखकर उनसे लिपट गया और फिर एक झापड़ अपने गाल पर खाया... इसके बाद दीपिका मैम वहा से चली गई... दीपिका मैम  के जाने के बाद हम दोनो को गालियाँ बकता हुआ bhu वहाँ आया...."

"एक मिनट. रुक..."अरुण को बीच मे रोक कर मैने कहा"क्या सच मे मैने ऐसा किया,या फिर तू मुझे ऐडा  बना रहा है"

"आगे पढ़ता हूँ....."अरुण आगे पढ़ता हुआ बोला"bhu हमसे नाराज़ था क्यूंकी हम दोनो उसे अकेले कंट्री क्लब मे छोड़कर दीपिका मैम  के साथ चले आए थे, उसके बाद हम तीनो अपने हॉस्टल  की तरफ बढ़े,लेकिन गेट से ही वापस रोड की तरफ लौट आए,क्यूंकी अरमान को और दारू पीनी थी..उसके बाद हम तीनो दारू भट्टी गये और वहाँ से तीन बम्पर उठाया... Ooo तेरी की... तीन बोतल दारू.. तीन लोगो के लिए...? ये मेरा reaction था...और फिर उस दुकान वाले को पैसा देकर हमारे सामने रखी उसकी कॉपी और कॉपी मे घुसा पेन छीनकर वहा से भाग लिए ...."

"क्या सच मे हमने तीन बोतल खरीदी थी...."

"आगे पढ़ता हूँ...और बीच बीच मे रोका मत करो बे,फ्लो बिगड़ जाता है..."bhu पर चिल्लाते हुए अरुण ने वापस कॉपी पर निगाह डाली

"उसके बाद हम तीनो उस इमली  के पेड़ के नीचे पहुचे,जहाँ कई  साल पहले हॉस्टल  की एक लड़की ने अपनी जान दे दी थी...वहाँ बैठकर अभी तक जो कुछ हुआ था,वो मैने शराब दुकान वाले की कॉपी मे लिखा और इंतेज़ार करने लगे उस लड़की का जो अक्सर रात को बुक लेकर पढ़ते हुए दिखाई देती है.... यहाँ ये भी लिखा है कि ये प्लान अरमान का था,उसी ने कहा था कि चलो उस लौंडिया के भूत का इंतजार करते है और जैसी ही वो आएगी तो उसके ऊपर तीनो चढ़ बैठेंगे... फिर दे भका -भक... दे भका -भक... मस्त मजा आएगा... उसके बाद हमने एक बोतल वही इमली के पेड़ के नीचे  खाली की और जब बहुत देर तक इंतजार करने के बावजूद  वो लड़की नही आई तो अरमान ने गलती मे खाली बोतल की जगह भरी बोतल को फोड़ा और उसके काँच को पकड़ कर हिन्दी और इंग्लिश दोनो मे वहा ज़मीन पर लिखा की... भूतनि यदि तेरे पिछवाड़े  मे दम हो तो मेरे सामने आना, मैं कल फिर आउन्गा..या फिर मेरा रूम नो. याद कर ले.. एक बाप की औलाद है तो मुझे डरा के बता.. साली रखैल, कुतिया... सबका मुँह मे लेने वाली.... इसके बाद हम तीनो वहा से उठकर जंगल के अंदर घुसे और एक जगह आग जलाकर दारू पीने लगे... इसके बाद  मैने जो -जो कुछ भी हुआ था, उसको कॉपी मे लिखा..."बोलते बोलते अरुण चुप हो गया....

"आगे बोलना मज़ा आ रहा है सुनने मे..."

"अबे साँस तो लें दे..."लंबी-लंबी साँस भरकर अरुण ने प्रवचन फिर शुरू किया

"Then , हम सब कन्फ्यूज़ थे कि अब क्या करें...  कहाँ जाए...? तभी bhu ने अरमान के सामने शर्त लगाई कि यदि वो अपनी चड्डी उतार कर प्रिन्सिपल के घर मे फेकेगा तो वो अपना 1800 का  चश्मा फोड़ देगा...और उसके बाद वैसा ही हुआ..अरमान प्रिन्सिपल के घर के सामने नंगा हुआ और अपनी चड्डी गोल गोल घुमाते हुए प्रिन्सिपल के घर के अंदर गोल कर दी, फिर क्या था bhu ने भी जोश मे अपना चश्मा उतारा और वहिच सड़क पर दे मारा....उसके बाद हम वापस इमली  के पेड़ के नीचे आए और मैने वहाँ बैठकर अभी जो कुछ भी हुआ उसे फिर से लिखा.....उसके बाद कहाँ जाएँ हमे नही सूझा तो अरमान ने शराब की बोतल घुमाई और जिस तरफ भी उस बोतल का मुहाना रुका,हम उधर ही बढ़ गये ...यहाँ आकर अरमान ने अपनी पैंट भू के सर मे बेल्ट से बाँध दी और bhu को मुकुट पहना कर इस जंगल का राजा बना दिया...उसके बाद हम तीनो ने वहाँ आग जलाई और उस आग के चारो तरफ bhu के राजा बनने की ख़ुशी मे  जंगली डांस  किया...और फिर मैने वो सब कुछ लिखा जो यहाँ हुआ और पेड़ मे चढ़ कर मोबाइल और कॉपी छुपा दिया....."

हम तीनो अपनी आँख मलते हुए जंगल से निकल कर हॉस्टल  की तरफ जाने वाली सड़क पर पहुच गये थे...तभी मेरा मोबाइल बजना शुरू हो गया....

"हेलो.. .."जमहाई लेते हुए मैने कहा...

"अरमाआअन्णन्न्" किसी की दूसरी तरफ से जोरदार चीखने की आवाज़ आई, मैने स्पीकर ऑन करके रक्खा था,इस लिए इस आवाज़ ने मेरे कानो को भी चीर डाला.... कुछ समझ ही नही आया की दूसरी तरफ वाले ने क्या बोला

"कौन है बे...."

"आज कॉलेज आओ, बताती हूँ तुमको..."

"क..क..कौन, दीपिका मैम ...? "अंदाज़ा लगाते हुए मैं बोला...

"आज आओ तुम कॉलेज..."बोलकर उसने कॉल डिसकनेक्ट कर दी....

"अब इसको क्या हुआ..."जेब मे मोबाइल ठूंस कर मैं खुद पर झल्लाया और हॉस्टल  की तरफ बढ़ा...

ये तो सिर्फ़ शुरुआत थी. उस दिन हमे ज़रा भी अंदाज़ा नही था कि हमारे साथ क्या क्या होने वाला है....शराब की दुकान वाले को मालूम नही कहाँ से खबर लग गयी थी कि उसकी दुकान से उसके हिसाब किताब वाला कॉपी लेकर भागने वाले इस कॉलेज के थे, उसने जब कॉलेज स्टाफ को ये बताया कि कल रात को तीन लड़को ने ये हरकत की है तो कुछ का ध्यान सीधे हम तीनो पर गया और कॉलेज वालों ने चेहरा परखने के लिए  उस शराब दुकान वाले को कॉलेज बुलाया....और हम तीनो, इस वक़्त वही डायरेक्टर के ऑफीस मे किसी मुज़रिम की तरह अपना फेस  टेस्ट करा रहे थे....

"यही तीनो है सर जी..जिन्होने हमारा लेखा जोखा वाला कॉपी मार के ले गये रहीं कल रात के..."

"इसका समान इसे वापस करो..."कड़कती हुई आवाज़ मे डायरेक्टर cum प्रिंसिपल ने हमें हड़का ...

"यस सर , हॉस्टल  मे रक्खी है..."अरुण ने जवाब दिया,..

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4 Comments

Kaushalya Rani

26-Nov-2021 06:43 PM

Nice written

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Barsha🖤👑

26-Nov-2021 05:50 PM

रोचकता कायम है

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